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Swati ankan

Inspirational Others

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Swati ankan

Inspirational Others

आरज़ू

आरज़ू

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आरजू एक ख्वाब की थी कहानी बनती गई,

आरजू एक चाहत की थी जिंदगानी बन गई।


गम के साये पहलू में आकर यूँ बैठे हैं मानो,

मेरी हर जुस्तजू जमाने में नादानी बन गई।


मनोभाव पढ़ते पढ़ते मुझे अनपढ़ी रास आई,

हर अधूरी ख्वाहिश के बदले जहानी बन गई।


सँभाले सँभले खुद को ही अब संवारते कट रही,

अपना मान लुटाते गए लोगों में दानी बन गई। 


किस्मत का रोना ले हकीकत को मना लेती रही,

मीठे एहसास का कारवाँ था जो रवानी बन गई।



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