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पुरातनी संस्कृति को, मुट्ठी भर लुटेरों ने जाना, जब, उनकी मूढ़ता को हमने भी तब पहचाना. पुरातनी संस्कृति को, मुट्ठी भर लुटेरों ने जाना, जब, उनकी मूढ़ता को हमने भी तब...
हरियाली भरी रिमझिम,झर-झर सावन रुत आई। हरियाली भरी रिमझिम,झर-झर सावन रुत आई।
मुद्दतों पहले मिले थे रीति की लगाई नींव थे. मुद्दतों पहले मिले थे रीति की लगाई नींव थे.
रोज रोज जीने के लिए , जिन्दगी पे जिल्द न लगाया करो. रोज रोज जीने के लिए , जिन्दगी पे जिल्द न लगाया करो.
पीपल के छाँव, पोख़र के ठाँव,मेरे गाँव को कहना। पीपल के छाँव, पोख़र के ठाँव,मेरे गाँव को कहना।
रोज एक नया दिन था... शाम ढले तो दिन पुराना था.... रोज एक नया दिन था... शाम ढले तो दिन पुराना था....
हर अधूरी ख्वाहिश के बदले जहानी बन गई। हर अधूरी ख्वाहिश के बदले जहानी बन गई।
ताल तलैया, नहर, सागर को अपने भेजे शगुन की आस ताल तलैया, नहर, सागर को अपने भेजे शगुन की आस
जाने किस किस दर्शन के अबूझ पहेली में खोए , साक्षात्कार की भरपूर भ्रम को स्वतः ही निभाए जाने किस किस दर्शन के अबूझ पहेली में खोए , साक्षात्कार की भरपूर भ्रम को स्वतः...
गम के ख़ार प्रेम के यार समय का ज़ार सुनाने को विकल हूँ मैं.... गम के ख़ार प्रेम के यार समय का ज़ार सुनाने को विकल हूँ मैं....