हर अधूरी ख्वाहिश के बदले जहानी बन गई। हर अधूरी ख्वाहिश के बदले जहानी बन गई।
चलो, आज फिर से रिश्तों को, प्रीत के रंग से संवारते हैं।। चलो, आज फिर से रिश्तों को, प्रीत के रंग से संवारते हैं।।