दोस्त की शादी होती है त्यौहार
दोस्त की शादी होती है त्यौहार
मन को जिताने हम गये
घोड़ी पर बैठा वो बन दूल्हा
नाच - गाकर सब धूम मचाये
पैसे उड़ाकर उसको दिखाये
बारात में बाराती जाम उठाये
लगता है मयखाना संग लाये
प्रवेश किया जब गाँव के द्वार
भूल गये कहां आ गये हम चार
घुमाते फिरे ऊँची - नीची गलियों में
छोटे पहियों वाली बड़ी कार
पसीने छूटे तंग हुये
कहां पहुंचा दिया मेरे यार
हमें चौराहे पर जाकर
नज़र आया हमारा काफ़िला
जहां नाच रहे हमारे सारे यार
अब ख़ुशी के मारे
हम भी रहे खुमारी उतार
दोस्त की शादी हमारे
किसी उत्सव से कम ना हो
मना रहे जैसे आज हो कोई त्यौहार
सज - धजकर हो तैयार
दोस्त बैठा स्टेज पर
नोटों के बंडल रहे सब वार
करने लगे भारत माँ के जैकारे
सात फेरे को कर स्वीकार
नव - दम्पति को दे आशीष की बहार
मन में बसे उनके सदा प्यार
दोस्त की शादी होती है त्यौहार
ख़ुशी - ख़ुशी रहे सदा उनका परिवार।