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JAYANTA TOPADAR

Abstract Drama Others

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JAYANTA TOPADAR

Abstract Drama Others

दोराहे पे...

दोराहे पे...

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आज आप यक़ीनन 

ज़िन्दगी की इस

कशमकश -भरी 

मुश्किल से दोराहे पे 

चिंतित खड़े हैं...


बेशक़ आपको ये एहसास तो

होता होगा कि 

इस नसीब की बातों का

कोई ठौर-ठिकाना नहीं...

किसे क्या देकर परखे 

और किससे क्या छीन ले --

ये कोई नहीं जानता....!


मगर फिर भी यहाँ

हरेक इंसान को 

अपना-अपना कर्म 

करते हुए आगे बढ़ना है...


आज अगर अपने हाथ 

खाली हो तो, कोई मलाल नहीं...

कल का आफ़ताब ज़रूर 

आपके लिए एक नया 

सवेरा लेकर आएगा...!!!



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