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Lokanath Rath

Abstract

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Lokanath Rath

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दिवाली मनाना....

दिवाली मनाना....

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अच्छा है हर साल दिवाली मनाना

खुशीसे एक दूसरे के गले मिलना

अपनी घर मे दिया जलाके रखना

जिन्दगी के सारे गम भूल जाना

पर एक बार सिर्फ एक बार

खोल दो अपने मन का द्वार

तोड़ दो छोटे बड़े की दिवार

छोड़ दो ऊँचे नीचे का बिचार

मिटा दो अपने झूठे अहंकार

समझो दिवाली को अब बार बार

सुनो कुछ औरों की भी पुकार

जिनको भी है दिवाली का इन्तेजार

वो भी चाहते है मिटाने अन्धकार

जो अब है दुःखी और लाचार

जो ढूंढते रोज खानेको कुछ आहार

जिनको लगा है गरीबी का मार

उनको थोड़ा करो अपने दिल से प्यार

एक दिया भी जलाओ उनके द्वार

उनको भी गले लगाओ एक बार

जब मिटेगा उनकी जिन्देगी से अन्धकार

तब फिर अहसास होगा सबको हरबार

ये है हमारे खुशियों का त्योहार

बांटेंगे सबके साथ खुशियाँ और प्यार 

फिर रोज दिवाली मनाना बार बार

अच्छा है हर साल दिवाली मनाना।


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