दिल से दिल तक
दिल से दिल तक
दिल से दिल तक पहुंचना आसान नहीं,
अगर ठान लें मन में तो कोई नाकाम नहीं।
वीर शिवा जी गुरू को सिंहनीदूध लाये थे,
बैठ थन के नीचे भाव से उसे दुह पाये थे।
दिल से दिल तक हमारे विचार ही जाते हैं,
मौन बन शब्द दिल से दिल में उतर जाते हैं।
