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AshoKumar Sahu

Abstract

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AshoKumar Sahu

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दिल प्यार

दिल प्यार

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यह दिल कितना पागल है,

यह प्रेम दीवाना होता है।

दो दिलों का प्रेम मिलन,

खुशियों का बहार होता हैं।


यह मौसम सुहाना है,

दिल कितना पागल है।

यह प्यार का नगमा है,

खुशियों का खजाना है।


प्यार की नदिया बहती है,

दो दिलों का संगम हैं।

यह मौसम सुहाना है,

दिल कितना पागल है।


रातों की नींद में,

दिल कितना बेचैन हैं।

आंखों का तारा हूं,

दिल का सहारा हूं।


यह मौसम सुहाना है,

दिल कितना पागल है।

यह प्रेम की धारा है,

जीवन का सहारा है।


आंखों में तुम हो,

दिल में बसे हो।

दिल की आवाज आई,

सपनों में जान छाई।


मौसम सुहाना है,

दिल कितना पागल है।


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