प्रेम का दीपक
प्रेम का दीपक
तू प्रेम है,
प्यार का जन्नत हूं मैं।
तू सागर है,
प्रेम का नदिया हूं मैं।
तू दिल है,
प्रेम का धड़कन हूं मैं।
तू चांदनी है,
प्रेम का सूरज हूं मैं।
तू छाया है,
प्रेम का परछाई हूं मैं।
तू प्रेम की शरीर है,
प्रेम का आत्मा हूं मैं।
तू प्रेम का जीवन हैं,
प्रेम का जीवन धारा हूं मैं।
तू प्रेम का आग है,
प्रेम का पानी हूं मैं।
तू प्रेम का दीया है,
प्रेम का बाती हूं मैं।
