दिल लगा कर चले है
दिल लगा कर चले है
राह इश्क़ में हम , दिल लगा कर चले है
क़दम ब क़दम रख ,डग मगा कर चले है
आजमाइश ए दिल ए नेक अखलाकी में
डूब कर उभर कर, खुद खरा कर चले है
खुद खरा ( खुद को सही साबित कर )
तमाम राह में एक, रंज शनाश न मिला
तमाम राह में खुद, लहू बहा कर चले है
रंज शनाश ( दर्द जानने वाला )
वादी ए वफाई में फरेब ए कल्ब क्या हो
वादी ए वफाई में अहद वफ़ा कर चले है
तेरे कूचा ओ बाज़ार में पहुंच कर 'हसन'
तेरे तेवर ओ सितम, दिल लदा कर चले है।
