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MS Mughal

Fantasy Others

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MS Mughal

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दिल लगा कर चले है

दिल लगा कर चले है

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राह इश्क़ में हम , दिल लगा कर चले है 

क़दम ब क़दम रख ,डग मगा कर चले है 


आजमाइश ए दिल ए नेक अखलाकी में

डूब कर उभर कर, खुद खरा कर चले है 


खुद खरा ( खुद को सही साबित कर ) 


तमाम राह में एक, रंज शनाश न मिला 

तमाम राह में खुद, लहू बहा कर चले है 


रंज शनाश ( दर्द जानने वाला ) 


वादी ए वफाई में फरेब ए कल्ब क्या हो 

वादी ए वफाई में अहद वफ़ा कर चले है 


तेरे कूचा ओ बाज़ार में पहुंच कर 'हसन'

तेरे तेवर ओ सितम, दिल लदा कर चले है 



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