दिल की बातें
दिल की बातें


दिल की बातें जब जुबां पर आ गई,
मेरे सच्चे प्यार को यूं सरेआम दिखा गई।
मेरी मुस्कुराहट में भी खामोशी छिपी थी,
तोड़कर मेरी खामोशी यूं मुस्कुरा गई।
भूल जाते हैं लोग अपना अस्तित्व अमीर होने पर,
गरीब भी दिल के बड़े होते हैं यह याद दिला गई।
हो जाते हैं इंसान जरूरत के बाद अनजान,
प्यार जरूरत से बढ़कर है यह जतला गई।
मैखाने में बुजुर्ग भी जवान हो जाते हैं,
उनकी ढलती उम्र भी प्यार करना सिखला गई।
बड़े-बड़े महाराजाओं को गरीब होते देखा है मैंने,
उनका गरीब होना इंसानियत की कद्र बतला गई।