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kavita Chouhan

Romance

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kavita Chouhan

Romance

दिल कहता है

दिल कहता है

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तुम मेरे हो ये मेरा दिल कहता है !


आज बहुत है बेकरार तुझको पाने को 

कोई बात न माने नहीं संभलता है ,

हर पल रहती हैं नजरें कुछ खोई- खोई

बेचैनी में निस दिन बहुत तड़पता है । 

 

देख तुझे ये रहा नहीं अब मेरे वश में

कभी रूठता, पल में कभी मचलता है ,

तोड़ सभी रस्मों को तुझको आना होगा

यही अकेले में मेरा 

दिल कहता है ! 


कठिन डगर है और बहुत है रात अंधेरी

फिर भी मंजिल तक तुझको 

आगे जाना है,

इक दिन तुम आओगे ये

दिल कहता है !

 

नहीं रुकावट बन सकती हैं ये दीवारें

प्रेम सदा इस दिल में तेरा रहता है , 

इक दिन तुम आओगे ये

दिल कहता है !

 

सांसों में तुम और तुम्हारा प्यार समाया 

और लहू बनकर नस नस में बहता है ।

इक दिन तुम आओगे ये

दिल कहता है !



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