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Poonam Mishra

Abstract

4.4  

Poonam Mishra

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दिल का जंगल

दिल का जंगल

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दिल तो जंगल है,

जहाँ बिखरी पंखुड़ियों की 

महक होती,

कभी टूट कर गिरते पात,

फिज़ा रुआंसी होती।

 

खामोश दिल का

जंगल,

सागर की 

शांत लहरों की कहानी सुनता,

मचलते मन की बौखलाहट,

रक्तिम नयन बयां करते


चुप्पी तोड़,

उतरते अंदर

रेंगती लहरें,

कांपती रूह,

संग टकराती,

फिर उठती एक 

आवाज !


और खामोश 

दिल के जंगल में हौले हौले 

निकलते जज़्बात !


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