दीवाली
दीवाली
दीपावली है सजी, घोर अमा की रात ।
उतरे नभ से जिस तरह, तारों की बारात।।1
अंधकार दहशत भरा, छाया आधी रात ।
देशभक्ति के दीप ने, दी वैरी को मात । 2
दीपक से दीपक जलें, भू पे करें उजास ।
नवल उजाला जग भरे, लाये सुख की आस । 3
चाहत के ले रंग नव, आया है त्यौहार ।
रंगा खुशियों में जगत, बाँटे मिठास प्यार।।
मन ड्योढ़ी दीपक जला, आए साजन याद ।
कैसे हो दीपावली, किससे हो फरियाद । 5
ले आई दीपावली, खुशियों की बरसात ।
झूम रही खुशियों भरी, आज अँधेरी रात । 6
समता का दीपक जला, भेद-भाव दें मेट ।
भारत माता को यही, दीवाली की भेंट । 7
सत्य, न्याय, श्रम, हो जहाँ , लक्ष्मी करें निवास ।
दीपावलि कहती सदा, उद्यम में है वास । 8
दिल का दीपक है जला, महके मन मकरंद ।
रस्म-रवायत से सजे, दीवाली के छंद । 9