गुरु पूर्णिमा।
गुरु पूर्णिमा।
बड़ा ही पावन दिन आज का, मौका हाथ से न जाने दो।
" गुरु पूर्णिमा" के अवसर पर, रूहानी-दौलत को लेने दो।।
गुरु बाँटते बिन मांगे ही, वात्सल्य रूपी गंगा बहने दो।
हृदय खाली कर नतमस्तक हो जा, श्रद्धा- विश्वास को जगने दो।।
कभी न हो सकते उऋण गुरु से, उनके चरणों में रहने दो।
प्रभु मिलन में देर बहुत है, गुरु से नाता जुड़ने दो।।
आज का अवसर फिर न मिलेगा, गुरु महिमा को गाने दो।
गुरु ज्ञान सहज ही मिलता, फैज़ तो उनका बरसने दो।।
खुला दरबार आज है उनका, मुझे भी उनमें मिलने दो।
गुरु तो "नीरज" के प्राण प्रिय हैं, बस चिंतन मुझको करने दो।।