बेटियां
बेटियां
सुख दुःख में काम आती हैं बेटियां
जीवन भर साथ निभाती हैं बेटियां।
मां-बहन-बेटी-बहू
कितने फर्ज निभाती हैं बेटियां
पढ़-लिख कर मान बढ़ाती हैं बेटियां।
दुःख-तकलीफ मां-बाप की
सह नहीं पाती हैं बेटियां
सुन खबर मां-बाप की परेशानियों की
नंगे पांव दौड़ी चली आती हैं बेटियां
जीवन भर साथ निभाती हैं बेटियां ।
बांध कलाई पर स्नेह का धागा
रक्षा कवच बन जाती हैं बेटियां
वक्त पड़े तो दुर्गा-चण्डी-काली
बन जाती हैं बेटियां।
बेटी रूप में बाबुल का घर चहकाती हैं बेटियां
पत्नी रूप में पति का घर महकाती हैं बेटियां।
स्नेह से अपने घर-आंगन को
स्वर्ग बनाती हैं बेटियां
जीवन भर साथ निभाती हैं बेटियां।