दिन बदलता है
दिन बदलता है
सूरज की पहली किरण के साथ दिन बदलता है
सूरज के ढलते ही रात का आगाज़ होता है
एक दिन किस्मत भी उन्हीं की बदलती है
जिनका परिश्रम पर गहरा विश्वास होता है
निराशा के बादल छाए हैं, इक नन्ही आस जगा
भाग्य को कोसते हुए व्यर्थ में तू क्यों रोता है
राह में मुश्किलें बड़ी हैं, देख मंज़िल तेरे सामने खड़ी है
उठ चल, तू अपना समय सोते हुए क्यों गंवाता है
माना विफलता के तूफान घिरे हैं तेरे जीवन में अभी
तू याद रख कनक भी तो आग में तप कर चमकता है.