दीदार
दीदार
हर सू तेरा दीदार ही दीदार है
हूर ए निगार परी ए किरदार है
माशूक ए हुस्न में डूब कर हर
आशिक़ ए दिल बीमार है
कातिलाना निगाहें हिजाब में
निगाह कम खूब तलवार है
पिलाने को जाम ए इश्क़ मस्ती में
पर्दानशीं ए खूब रू व पर्दादार है
हुस्न ए तपिश में जलाने को 'हसन'
बे हिजाब ओ पर्दा हुस्न ए यार है।