धूल में छिपी एक किताब
धूल में छिपी एक किताब
"एक किताब"
एक पुरानी सी किताब अलमारी के कोने में पड़ी थी,
धूल में लिपटी, मगर अंदर कई जज़्बातों को जकड़ी थी।
किसी ने बरसों से खोला नहीं था उसे,
शायद इसलिए, क्योंकि उसमें दर्द की कहानी छपी थी।
हर पन्ना कुछ कहता था —
कभी बचपन की हँसी, कभी माँ की ममता,
कभी पहली मोहब्बत की भीगी सी चिट्ठी,
तो कभी अधूरी रह गई आरज़ू की तहरीर।
कुछ लफ्ज़ धुंधले थे,
शायद आँसुओं से धुल गए थे।
कुछ पन्ने फटे थे,
जैसे किसी ने ग़लती छुपाने की कोशिश की हो।
किताब बोलती नहीं थी,
पर हर पन्ना चीखता था...
"क्यों छोड़ दिया मुझे अधूरा?"
"क्या मेरी कहानियाँ कमज़ोर थीं या सच्ची बहुत थीं?"
फिर एक दिन किसी ने उसे प्यार से उठाया,
उसके पन्नों को सहेजा, छुआ... पढ़ा...
और पहली बार किताब मुस्कुराई।
वो समझ गई — किसी को अब भी उसकी ज़रूरत है।
✍️ Ink•Imagination
"Har lafz dil se likha hai, agar pasand aaye to ek follow zarur kijiye..."
Thanku🥰🥰...
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(Aouther: "Unseen feelings, unsaid words — sab kuch keh jaati hai Ink•Imagination ki shayari"
Har lafz ek shayari, har shayari ek mehsoos.
YouTube par visuals ke saath: @InkImagination_07"
https://www.youtube.com/@InkImagination_07
Exp--
एक किताब थी — धूल जमी सी, चुप सी, थकी सी।
हर पन्ना किसी टूटे लम्हे की कहानी कहता था।
लोगों ने देखा, पलटा... पर पढ़ा नहीं।
क्योंकि वो कहानियाँ स्याही से नहीं,
ज़ख्मों से लिखी गई थीं।
✍️ InkImagination_07. )

