धर्म सनातन मां है मेरी
धर्म सनातन मां है मेरी
धर्म सनातन मां है मेरी इसको नमन करूंगा मैं
शीश कलम करवा लूँगा पर कलमा नही पढूंगा मैं
संस्कृति और राष्ट्रप्रेम का जन जन संचार करूंगा मैं,
धर्म हेतु हर शंख उठे उसका संज्ञान करूंगा मैं।
आंच धर्म पर आई तो युद्ध स्वीकार करूंगा मैं
हिन्दुत्व की रक्षा खातिर से हाहाकार करूंगा मैं
धर्म सनातन मां है मेरी इसको नमन करूंगा मैं
शीश कलम करवा लूँगा पर कलमा नही पढूंगा मैं
लाख विपदा आए धर्म के पथ पर डटा रहूंगा मैं
संग्राम करते धरती खातिर खुद को अमर करूंगा मैं,
कसम है मात भवानी की अब तनिक ना पिछे हटूंगा में
जो बाधा बन आए उन पर मृत्यु का वार करूंगा मैं।
धर्म सनातन मां है मेरी इसको नमन करूंगा मैं
शीश कलम करवा लूँगा पर कलमा नही पढूंगा मैं
महादेव का भक्त हूं रण का रणवीर बनूंगा में
धर्म बचाने की खातिर बनके शमशीर लड़ूंगा मैं।
लड़ते मिट्टी हो जाऊं उस पल तक नहीं थकूंगा में
धर्म की खातिर महाकाल बन अंतिम तलक लडूंगा में
धर्म सनातन मां है मेरी इसको नमन करूंगा मैं
शीश कलम करवा लूँगा पर कलमा नही पढूंगा मैं
