कहानी मेरे दर्द की (भाग-1)
कहानी मेरे दर्द की (भाग-1)
अरे ये तू भुल सकती है मगर में नहीं
मेरे बस्ते में तेरा वो खत का छिपाना
खिड़की से झांक के वो तेरा मुस्कराना
धीरे धीरे मोहब्बत का अहसास दिलाना
तेरी सखियों का मुझको वो जीजाजी बुलाना
अरे ये तू भुल सकती हैं मगर में नहीं
इस दसवीं के बालक का प्यार में पड़ जाना
अपनी जेब खर्ची के पैसे से गुलाब का लाना
बाल दिवस पर तुझे अपनी कक्षा में बुलाना
मेरा पहली बार तुझको वो गुलाब का पकड़ाना
अरे ये तू भुल सकती हैं मगर में नहीं
गुलाब लेकर वो तेरा शरमा जाना
शरमा के मुझको अपने गले से लगाना
एन मौके पर स्कूल की घंटी का बज जाना
तेरा विज्ञान वाली कॉपी में गुलाब को छिपाना
अरे ये तू भुल सकती हैं मगर में नहीं
फिर मेरे लिए तेरा वो परांठे लेके आना
अपने हाथों से लंच में वो निवाले खिलाना
फिर रोज रोज मिलने के बहाने बनाना
यूं हंसते खेलते हमारा वो 12वीं तक आना
अरे ये तू भुल सकती हैं मगर में नहीं
एक दिन किताब के बहाने मेरा तेरे घर आना
वहां तुझे ना पाकर मेरा उदास हो जाना
फिर ऊपर के कमरे से वो तेरा चिल्लाना
और तेरी आवाज सुन मुझको चैन आ जाना
अरे ये तू. भुल सकती हैं मगर में नहीं
सीढ़ियों की तरफ मेरा लपक के बढ़ जाना
आधी सीढ़ियों तक वो तेरा उतर आना
मेरे हाथों से तेरा वो किताब छुड़वाना
तेरी हिरणी सी आंखों में वो मेरा डूब जाना
अरे ये तू भुल सकती हैं मगर में नहीं
तेरे भाई का मुझ पर वो शक का हो जाना
चुपके से फिर उसका सीढ़ियों पर आना
फिर मां और बाबूजी को आवाज लगाना
और उनका गुस्से में आग बबूला हो जाना
अरे ये तू भुल सकती हैं मगर में नहीं
तेरे पिताजी का गांव में पंचायत लगाना
मेरी मोहब्बत का सबके बीच तमाशा बनाना
और मेरा तुझपे वो अटूट विश्वास जताना
तेरे भाई का उसको जोर जबरदस्ती बताना
अरे ये तू भुल सकती हैं मगर में नहीं
घरवालों के पक्ष में वो तेरा मुकर जाना
फिर पंचायत का एकतरफा फरमान सुनाना
मेरे बाबूजी के हाथों मुझको सजा दिलाना
मेरी मां का रो रोकर बुरा हाल हो जाना
अरे ये तू भुल सकती हैं मगर में नहीं
मेरे बाबूजी का मुझ पर वो जूता उठाना
अपने कलेजे के टुकड़े को गधे पर बिठाना
अपने हाथों मेरे चेहरे पर कालिख का लगाना
आज मर गया मेरा बेटा - ये कहके मुझको अपने घर से भगाना
अरे ये तू भुल सकती हैं मगर में नहीं
फिर तेरे घर इक दिन वो बारात का आना
खुशी खुशी तेरा वो दुल्हन बन जाना
उसके साथ ब्याह के तेरा विदा हो जाना
और ज़िंदगी के सितम से मेरा पागल हो जाना
अरे ये तू भुल सकती हैं मगर में नहीं
To be continue........