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लेखक सोमिल जैन "सोमू"

Romance

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लेखक सोमिल जैन "सोमू"

Romance

डियर एक्स

डियर एक्स

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डियर एक्स

अब मुझे तेरी खामोशी सता रही है।

कई अरसे बाद तेरी याद आ रही है।

सुना है आजकल तू भी सिंगल है।

या फिर तू मुझसे कुछ छिपा रही है।

बोल न चुप क्यों है


डियर एक्स

खुद पर मुझे इतना भरोसा था कि

कभी न कभी मैं तुम्हें जरूर याद

आता होऊंगा।

बहाना कोई भी हो, चाहे मेरा

जन्मदिन हो या

फिर मेरे इंस्टाग्राम पर डला स्टेटस हो।

बोल न चुप क्यों है


डियर एक्स

मुझे पता है तुम भूली नहीं होगी।

इतना कमजोर प्यार नहीं था तुम्हारा।

वो बारिश के दिन, तेरे मेरा छत पर

आ जाना।

फिर पागलों की तरह हरकतें करना।


उस वक्त हम एक दूसरे को पागल

नहीं लगते थे।

बल्कि इन हरकतों से हमारा प्यार

बढ़ रहा था।

हम छत की मुंडेरों से बेख्याली से

एक दूसरे को देखते थे।

फिर अचानक जब नज़रें मिलती तो

तुम्हारे होठों पर एक हँसी, एक

शरम होती थी।

तमाम बातें जो तुमने मोबाइल से

मेसेज की थी।

तुम भूली नहीं होगी..

बोल न चुप क्यों है


डियर एक्स

तुम्हें सब याद होगा मुझसे भी ज्यादा।

मगर शायद तुम याद करना नहीं

चाहती।

तुम्हें लगता होगा कि मैं तुम्हारी

सबसे बड़ी गलती रहा हूँ।

सुना था नया यार मिला था तुम्हें।

फिर से कोई सच्चा वाला प्यार मिला

था तुम्हें।

बोल न चुप क्यों है


डियर एक्स

तुम्हें उस वक्त जरूरत थी प्यार की।

उसने तुम्हें बहलाया होगा।

तेरे आँसू पोंछे होगें, तुझे अपनाया होगा।

फिर तुझे कोई सपना दिखा कर तुमसे

दूर हो गया होगा..


बोल न चुप क्यों है


डियर एक्स

तूने अपनी सारी फोटोज उसे भी दिख

दी होंगी।

जो तूने मुझे फेसबुक पर ये कहकर दी

थी कि किसी को मत दिखाना.

उसे भी तूने कहा होगा कि मुझे कुछ

नहीं चाहिए तेरे प्यार के अलावा, है न

बोल न चुप क्यों है


डियर एक्स

क्या वो भी मेरी तरह तेरे तसव्वुर के

लिए हर पल बेचैन रहता होगा।

क्या वो भी तेरे घर के सामने घंटो

तेरा इंतज़ार करता होगा।

इस उम्मीद से कि कब तू खिड़की

खोलेगी और तेरा दीदार उसे होगा।

बोल न चुप क्यों है


डियर एक्स

उसने भी कहा होगा तेरी सूरत से नहीं

तेरी सीरत से प्यार करता हूँ।

तेरी औकात से नहीं तेर जज्बात से

प्यार करता हूँ ।


अच्छा छोड़,

क्या तू भी उसके कॉल का इंतज़ार करती

होगी जैसा मेरा किया करती थी।

तू उसे भी इतने सारे फ़ोन कॉल्स करती

होगी जितने मेरे मोबाइल पर रिंग करते थे।

उसने भी तुझसे किये होंगे साथ जीने

मरने के वादे

झूठी कसमें भी खाई होंगी

बोल न चुप क्यों है


डियर एक्स

मगर सुन,

एक वक्त वो भी आया होगा जब उससे

तेरी बात नहीं होती होगी।

वो तुम्हें छोड़ गया होगा या फिर तुम

किसी की हो गई होगी।

फिर तुमने किसी और से भी उसके

बारे में वही कहती होगी जो मेरे बारे में

उससे कहती थीं।

बुरा सपना, गलती या फिर कुछ था ही

नहीं

बोल न चुप क्यों है


डियर एक्स

शिकायत नहीं तुझसे, बुरा भी

नहीं कह रहा हूँ

सबसे अच्छी सीख दी है तुमने मुझे

तुम खुश रहो, आज़ाद रहो

बस जैसे अभी ऐज़ अ फ्करेंड कह कर

बात करती हो तो अच्छा लगता है

तू बेवफा है ये नहीं कह सकता

बात ये है कि मैं ही वफ़ा के लायक

नहीं था।

परवाह नहीं है, फर्क नहीं पड़ता ये

भी नहीं कहूंगा।

तुमसे बिछड़ के इतना अकेला था कि

अब डर नहीं लगता।

फिर भी अगर कोई गिला शिकवा हो

तुम्हें तो

बोल न चुप क्यों है



डियर एक्स

बोल न चुप क्यों है



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