दादी नानी की कहानियां
दादी नानी की कहानियां
वो दादी नानी की कहानियाँ,
हम पर जैसे थीं मेहरबानियाँ।
नित नई सीख और प्रेरणा संग,
बेहतर होती थी जिन्दगानियाँ।
सुख दुख में साथ रहतीं थीं ऐसे,
संग रहतीं जैसे हमारे परछाइयां।
सुनकर जिनकों खुश हो जाते थे,
भूल जाते सारे गम और तनहाइयाँ।
मनोरंजन के साथ परिस्थितियों से
लड़ना भी सिखाती थीं वो कहानियां।
दादा दादी अब संग नहीं रहते,और
माता-पिता के पास समय की पाबंदिया।
थमाकर हाथों में बच्चों के मोबाइल,
निभा रहे अपनी अपनी जिम्मेदारियां।
नहीं समझते आज बच्चे रिश्तों की अहमियत,
गैजेट्स तक ही सीमित रह गई उनकी दुनिया।