देश प्रेम वीर जवानों का
देश प्रेम वीर जवानों का
अजब देश प्रेम था उन वीर शहीद जवानों का,
जो हंसते हंसते देश के लिए कुर्बान हो गए।
सर्दी हो या गर्मी या फिर हो बरसात के दिन,
सीमा पर सीना ताने फौलाद की तरह खड़े रहे।
देखकर बुलंद हौसले भारत के रणबांकुरों के,
दुश्मन के सारे मनसूबे तो जैसे विफल हो गए।
बुरी नजर डाली जिसने भी हमारी मातृभूमि पे,
गोलियों से सीने उनके वीरों ने छलनी कर दिए।
भारत की आन बान शान है तिरंगा,झुकने ना दिया
इसे कभी चाहे शीश क्यों ना ही उनके कट गए।
घायल थे जवान लेकिन हिम्मत ना हारी उन्होंने,
दुश्मन के हर प्रहार का मुंह तोड़ जवाब देते रहे।
चाहत थी बस उनकी,फलता फूलता रहे भारत देश,
कोई ना इसे फिर गुलामी की जंजीरों में जकड़ सके।
कोटि कोटि नमन है ऐसे वीर शहीदों की शहादत को,
जो मरकर भी अमर हो गए..जो मरकर भी अमर हो गए।
