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Mahavir Uttranchali

Romance Fantasy

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Mahavir Uttranchali

Romance Fantasy

चन्द अशआर (मुख़्तलिफ़ शेर)

चन्द अशआर (मुख़्तलिफ़ शेर)

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शेर-ओ-शाइरी का क़द हूँ मैं

क्यों लगे मीर-ओ असद हूँ मैं 

काग़ज़ी पैरहन में सहमी सी

लफ़्ज़ के दायरे की हद हूँ मैं 

रूठकर फिर से मान जाऊँगा

एक छोटी-सी कोई ज़िद हूँ मैं 


बात चली है मस्ती में

अरमानों की बस्ती में 

है दुनिया ये फ़ानी तो

गर्व करूँ क्यों हस्ती में 

हैं मीर-महावीर-असद

शाइर फांकामस्ती में


मज़ा कुछ नहीं ज़िन्दगी तेरी नस में

फ़क़त जी रहा हूँ क़ज़ा की हवस में


कई ख़्वाब देखे, थकी ना ये आँखें

सितम लाख टूटे, रुकी ना ये साँसें


ज़िन्दगी हादिसों की एक कड़ी

वक़्त की खूब मुझ पे मार पड़ी


छाँव भी तो है सफ़र में, धूप से क्या डरते हो

मौसमी बदलाव ये तो स्वरूप से क्या डरते हो

प्रेम पथ पर जो चलोगे, छल मिलेंगे दोस्तों

दिल फ़रेबी है अदा तो रूप से क्या डरते हो


चाहे खार मिले या फूल थे

टूटे न कभी मेरे उसूल थे 

था तन्हाई में या भीड़ में

दुःख घेरे हुए मुझको समूल थे


ऐ खुदा जाऊँ कहाँ मैं इस ज़माने में

बिजलियाँ सबने गिराईं आशियाने में

शा’इरी कहते हुए इक उम्र ग़ुज़री यूँ

अब नहीं दमखम बचा है मुझ दीवाने में


कहाँ बचपन खिलौने से बहलता है

फ़क़त बन्दूक से बच्चा ये खेलता है



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