STORYMIRROR

Mahavir Uttranchali

Inspirational

4  

Mahavir Uttranchali

Inspirational

हर्षवर्धन महान

हर्षवर्धन महान

2 mins
353

थे बैस क्षत्रिय वंश के, हर्षवर्धन महान

खूब बढ़ाई आपने, राजवंश की शान


वर्द्धन 'पुष्यभूति' रहा, राजवंश का नाम

कुछ हिन्दू, कुछ बौद्ध थे, किये प्रजा हित काम


'पाँच सौवीं' सदी रही, 'नब्बे' था तब वर्ष

'यशोमती' की गोद में, खेल रहे थे हर्ष


राज्य अभिषेक जब हुआ, 'छह सौ छह' था वर्ष

'छह सौ सैंतालीस' तक, राज किये थे हर्ष


जननी नाम 'यशोमती', जनक 'प्रभाकर' वीर

भ्रात 'राजवर्धन' कड़े, बहन 'राज्यश्री' धीर


पिता प्रभाकर की वीरता, पराजित हुए हूण

लक्ष्य वही लेकर चले, पुत्र हर्ष सम्पूर्ण


थानेश्वर–कन्नौज को, राजहित किया एक

चले युद्ध अभियान पर, करते विलय अनेक


______________________

*हर्षवर्धन (जन्म: 590 ई. तथा मृत्यु: 647 ई.) प्राचीन भारत में अन्तिम यशस्वी हिन्दू राजा था जिसने उत्तरी भारत के एक बड़े भूभाग पर 606 ई. से 647 ई. तक शासन किया। महान हर्षवर्धन राजे जी, वर्धन राजवंश के शासक प्रभाकरवर्धन का पुत्र था। जिसके पिता अल्कोन हूणों को पराजित किया था। जब हर्ष का शासन अपने चरमोत्कर्ष पर था तब उत्तरी और उत्तरी-पश्चिमी भारत का अधिकांश भाग उसके राज्य के अन्तर्गत आता था। उसका राज्य पूरब में कामरूप तक तथा दक्षिण में नर्मदा नदी तक फैला हुआ था। कन्नौज उसकी राजधानी थी जो आजकल उत्तर प्रदेश में है। उसने 647 ई. तक शासन किया। जब हर्ष ने भारत के दक्षिणी भाग में अपने राज्य का विस्तार करने की कोशिश की तो चालुक्य वंश के शासक पुलकेशिन द्वितीय ने नर्मदा के युद्ध में उसे पराजित किया। हर्षवर्धन बैस क्षत्रिय वंश के थे।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational