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Mahavir Uttranchali

Tragedy

3.9  

Mahavir Uttranchali

Tragedy

अपनी पीर बताते क्यों

अपनी पीर बताते क्यों

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अपनी पीर बताते क्यों

दिल के दाग़ दिखाते क्यों

उम्मीद नहीं लौटेंगे

वरना घर से जाते क्यों 

रूठे हैं जो बरसों से

कहने से आ जाते क्यों 

वो चुपचाप गए घर से

हम उनको समझाते क्यों 



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