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Kusum Lakhera

Action Inspirational

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Kusum Lakhera

Action Inspirational

चमत्कार को नमस्कार

चमत्कार को नमस्कार

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विज्ञान के चमत्कार को ..

नित ...नमस्कार !

कहाँ बैलगाड़ी के युग में थे ...

पैदल पथ पर भी चलते थे ..

लकड़ी की नाव पर भी बैठकर

नदियों को पार करते थे ...

धीरे धीरे परिवर्तन आया ..

साइकिल, रिक्शा, बस ने,

सड़क की दूरी को घटाया !

फिर कार का आया जमाना

विज्ञान ने नित लिखा फसाना ।।

उड़ने वाले जहाज भी आए 

द्रुतगति से नभ में उड़ जाएँ ।।

अब फ्लाईंग कार हैं ..आईं ।

झट से फट से नील गगन में ..

फर्राटेदार दौड़ती ..जाएँ !

दसो दिशाओं में दौड़ लगाएँ ।

विज्ञान के चमत्कार को..

नित नमस्कार !



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