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Rajiv Jiya Kumar

Abstract Classics Inspirational

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Rajiv Jiya Kumar

Abstract Classics Inspirational

चलो देखते हैं

चलो देखते हैं

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बदल रहा पल पल 

पले मूल्य जो वर्षों से

चले रस्म जो जन्मों से

मिला ज्ञान जो मातृभूमि के कण कण से

निति जो चाणक्य ने सिखाई 

चतुराई जो चन्द्रगुप्त, शिवाजी ने सिखलाई 

चलो देखते हैं,चलो देखते हैैं।।


विवेकानंद का दर्शन 

भगत,आजाद,सुखदेव,राजगुरू की राह 

फिर गाँधी की अहिंंसा

समर्पण धरा प्रति सीमांत गाँधी का

पटेल का साहस 


राजेन्द्र प्रसाद की बुुुद्धिमता

नेहरू का पंचशील 

लाल बहादुर की शालीनता

उनका वह त्याग

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बाबा साहब का आह्वान 


जयप्रकाश नारायण की क्रांति 

कर्पूरी ठाकुर की शांंति

चलो देेखते हैं,चलो देखते हैं।।


टैगोर के त्याग को

कलाम साहब के कमाल को

धर्मनिरपेक्षता के तत्त्वों को

समानता के आदर्शों को

हम सब भारतीय एक है


इस अनमोल कथ्य को

बँटकर लुटे इस कङवे सत्य को

होली के उल्लास को

ईद के मिठास मिलाप को

दशहरा के हुलास को


दीवाली के प्रकाश को

लगता है हम भूल रहे हैं,

चलो देेखते हैं, चलो देखते हैं।।


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