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Shyam Kunvar Bharti

Romance

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Shyam Kunvar Bharti

Romance

चल दिये चलते -चलते

चल दिये चलते -चलते

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उसने कुछ कहा न सुना वो चल दिये चलते -चलते

रौंद मेरे अरमान कह दिया अलविदा चलते चलते।


दिल थी हसरत ए दीदार जी भर उनका करेंगे हम

झटक जुलफ़े पलट गए हम रहे हाथ मलते मलते।


तमन्ना थी चाँद तारे तोड़ डाल देंगे उनके कदमो मे

ठोकरों में उछाल दिया दिल, हम रह गए हक्के बक्के।


मह मह महके गजरा चम्पा चमेली जुल्फे सजाएँगे

लगाया हाथ गैरो गुलाब गजरा हम मर गए मरते मरते।


गलीचा दिल का बिछा दिया खातिर उनकी राहो मे

दिया कुचल दिल मेरा हम रह गए आहे भरते भरते।


नाम जब भी पुकारा उनका देखा नहीं पलट कर मुझे

हौले मुस्कुरा नाजो अदा से चल दिये वो हँसते हँसते।


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