STORYMIRROR

Praveen Gola

Romance

3  

Praveen Gola

Romance

चल बहें फिर उस दरिया में

चल बहें फिर उस दरिया में

1 min
247


चल बहें फिर उस दरिया में, 

जहाँ तेरा - मेरा दिल धड़कता है,

तड़पता है ... मचलता है, 

एक - दूसरे के लिए संभलता है।


उस दरिया में नशा निराला, 

जो पी ले वो हो मतवाला,

चल बहें फिर उस दरिया में, 

जहाँ तेरा - मेरा इश्क निखरता है।


उस दरिया में डूबने का, 

कोई गम नहीं होता है,

चल बहें फिर उस दरिया में, 

जहाँ तेरा - मेरा ज़िस्म पिघलता है।


मैं हर शाम तेरी राह तकती, 

उस दरिया का सजदा करती,

चल बहें फिर उस दरिया में, 

जहाँ तेरा - मेरा बदन सिमटता है।


फिर तेरा नाम पुकारा मैंने, 

उस दरिया की वादियों में,

चल बहें फिर उस दरिया में, 

जहाँ तेरा - मेरा अक्स बहकता है।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance