चल बहें फिर उस दरिया में
चल बहें फिर उस दरिया में


चल बहें फिर उस दरिया में,
जहाँ तेरा - मेरा दिल धड़कता है,
तड़पता है ... मचलता है,
एक - दूसरे के लिए संभलता है।
उस दरिया में नशा निराला,
जो पी ले वो हो मतवाला,
चल बहें फिर उस दरिया में,
जहाँ तेरा - मेरा इश्क निखरता है।
उस दरिया में डूबने का,
कोई गम नहीं होता है,
चल बहें फिर उस दरिया में,
जहाँ तेरा - मेरा ज़िस्म पिघलता है।
मैं हर शाम तेरी राह तकती,
उस दरिया का सजदा करती,
चल बहें फिर उस दरिया में,
जहाँ तेरा - मेरा बदन सिमटता है।
फिर तेरा नाम पुकारा मैंने,
उस दरिया की वादियों में,
चल बहें फिर उस दरिया में,
जहाँ तेरा - मेरा अक्स बहकता है।।