चिंताग्रस्त
चिंताग्रस्त
सरहदों पर लिखकर नाम,
वो हो जाते देश पर कुर्बान,
हम फिर भी हिचकते रहते हैं,
उन वीरों को करने में सलाम।
दिल भर जाता है अक्सर,
किसी के शहीद होने से,
उनकी बेवा और बच्चे जब,
रह जाते बिन उनके साये से।
उम्रभर सीना छलनी हुआ,
दुश्मन को दूर भगाने में,
हम सब की रक्षा की खातिर,
उनका जिक्र हुआ अफसाने में।
जब भी भारत माँ को नमन करो,
उन वीरों की शक्ति पर दंभ करो,
गर क्षमता हो कुछ करने की,
तो उनके परिवारों का आलिंगन भरो।
वो कर्ज कभी चुकता ना होगा,
जिसके ऋणी हम उम्रभर रहे,
वीर जवानों से मिले बिना ही,
उनकी वीरता से चिंताग्रस्त रहे।