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Kamal Purohit

Abstract Children

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Kamal Purohit

Abstract Children

छुट्टियां हुई हैं

छुट्टियां हुई हैं

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छुट्टियां हुई हैं बच्चों की , खेल रहे गुड्डे गुड़िया।

पंछी सारे पनघट पर है, डुबकी लगा रही चिड़िया।


गर्मी का मौसम फिर आया, पारा चढ़ता जाता है।

जिस्म जलाने सूर्य रोज ही, अपनी अगन बढ़ाता है।

ठंडा ठंडा शर्बत पीते, कुल्फी खाते है बढ़िया।

छुट्टियां हुई हैं....


लगा पसीना बहने सबका, पंछी सारे त्रस्त हुए।

भूख प्यास से इस मौसम में, जीव जंतु भी पस्त हुए।

पानी बस मिल जाये सबको, चलता तब जीवन पहिया।

छुट्टियां हुई हैं....


प्यास लगी तो इस पानी को, जीवन सबने है माना

प्राण बचा ले पंछी अपने, डाला छत पर कुछ दाना 

टब रक्खा पानी का जिसमें, नहा रही है एक चिड़िया।

छुट्टियां हुई हैं....


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