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Madhu Vashishta

Comedy Inspirational

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Madhu Vashishta

Comedy Inspirational

चौका बर्तन

चौका बर्तन

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चौका बर्तन तुम करो बेलन मेरे नाम।

रोज-रोज कहते हो क्या करती हो तुम काम?

आज करोगे काम तुम मैं करती हूं आराम।

आज मिला है दिन ऐसा जब सासू मां है घर नहीं।

आज चलेगी मेरी मर्जी मुझे किसी का डर नहीं।

रोज-रोज उनके सामने सुबह से शाम तक करती नहीं मैं आराम।

दफ्तर से ही आकर तुम फैला देते हो मेरे लिए और भी काम।

रोज-रोज जो मैं करती हूं वही सारा काम अब तुम करोगे।

चौका झाड़ू पोंछा बर्तन हो जाए तो

कपड़ों की तहरी तुम ही करोगे।

लेकिन यह क्या पतिदेव के चेहरे पर आई मुस्कान।

वीडियो कॉल चल रही थी

पत्नी की मम्मी सब सुन रही थी।

गुस्से में बेटी को देखा और बोली ना कर मेरे दामाद को परेशान।

दोनों मिलकर साथ करोगे आज से घर का काम।



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