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Ruchi Madan

Romance

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Ruchi Madan

Romance

चाँद में देख लेते हम तुझ को

चाँद में देख लेते हम तुझ को

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कभी मिलेंगे, सिर्फ ख़्वाबों में सोचा ना था

दूर होगा मुझसे तू इस कदर ये सोचा ना था

रात बीतेगी सिर्फ आँखों में, करवटो में कट

जायगी सारी रातें,

चाँद में देख लेते हम तुझ को ग़र बादल ना

रोकता मेरी राहें


तेरी हाथों की गर्माहट आज भी महसूस मुझे

होती है

तकिये को समझ के तेरा सीना जब रातों को

मैं रोती हूँ

हँस पड़ती हूँ बेख़याली में, बात जब मैं तुझ से

करती हूँ, रो पड़ती हूँ जब तू वहाँ नहीं होता

मान जा तू मेरी बातें, लौट आये अगर तू इक

बार

छूपा लूंगी तूझे को अपनी बाहों में खो जायेंगे

हम एक दूजे में हो के एक सदा के लिये



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