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Lalit Bhatt

Romance

4.5  

Lalit Bhatt

Romance

कैसा हो पहला प्यार मेरा

कैसा हो पहला प्यार मेरा

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किसी कहानी की शुरूआत बनकर,

तुम आना मेरे पास एक रात बनकर।

वो रात जिसका चाँद मैं बनू,

तुम रहना मेरे पास मेरी चाँदनी बनकर।


एक एहसास जो सिर्फ तुमसे हो,

तुम आना मेरे पास वो एहसास बनकर।

एक याद जो मैं चाह कर भी ना भूलूँ,

तुम आना मेरे पास वो याद बनकर।


जैसे बनाया हो हमें एक-दूजे के लिए,

तुम आना मेरे पास वो सौगात बनकर।

जिसका हर अल्फ़ाज जाम सा लगता हो,

तुम आना मेरे पास वो आवाज़ बनकर।


जिसके बिना हर बरसात अधूरी हो,

तुम आना मेरे पास वो बूंद बनकर।

जिसे देखूं और अपने ज़ख्म भूल जाऊं,

तुम आना मेरे पास वो मुस्कान बनकर।


जो यादगार सफ़र बना दे ज़िन्दगी को,

तुम आना मेरे पास वो हमसफ़र बनकर।

और जो ताउम्र मेरा ही रहे,

तुम आना मेरे पास पहला प्यार बनकर।


तुम आना ऐसे कि,

मेरे अश्क तुम बनो, हँसी भी।

मेरे दर्द तुम बनो, दवा भी,

मेरी नफ़रत तुम बनो, प्यार भी।



मेरे अल्फ़ाज तुम बनो, जज़्बात भी।

मेरी बेसब्री तुम बनो, इंतजार भी।

मेरी कहानी तुम बनो, किताब भी।

मेरी हिचकी तुम बनो, याद भी।


मेरी धूप तुम बनो, छाँव भी।

मेरी राह तुम बनो, पड़ाव भी।

मेरी भाषा तुम बनो, भगवान भी।

मेरा पहला इश्क़ तुम बनो, आखिरी साँस भी।


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