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मधु त्रिवेदी

Romance

5.0  

मधु त्रिवेदी

Romance

मेरा पहला प्यार

मेरा पहला प्यार

1 min
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तुम थे मेरे पहले प्यार

या था ये सिर्फ़ आकर्षण

चाहा था तुमको या था

ये मेरे दिल का भ्रम

मेरे दिल में आज भी

तुम्हारी यादों का बसेरा क्यों है

तुम्हारा नाम सुनते ही

चेहरे पर मुस्कुराहट क्यों है

कभी वे दिन भी थे

जब मुझे तुम्हारी बात करना

अच्छा लगता था

हर वक्त होठों पर तुम्हारा

नाम रहता था

न जाने कहाँ खो गए

वो सुनहरे दिन

जब तुम्हें देखने को

मेरी ये आँखे तरसते थी

दिल की गहराइयों से चाहा था तुमको

ये झूठ नहीं है

मुमकिन नहीं था पाना तुमको

ये भी तो एक सच है

आज भी तुम्हारा नाम

मेरी दिल की धड़कनों को

क्यों तेज करता है

काश मैं तुम से पूछ पाती

ये सब था एक आकर्षण

या थे तुम मेरा पहला प्यार !


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