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मधु त्रिवेदी

Abstract

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मधु त्रिवेदी

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ये रिश्ते

ये रिश्ते

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ये रिश्ते भी कितने अजीब होते हैं

कुछ दिल से दूर तो कुछ दिल के करीब होते हैं

कुछ दिलों के तो कुछ खून के होते हैं।


कौन-सा रिश्ता ज्यादा महत्वपूर्ण है

दिल का रिश्ता या फिर खून का

खून का रिश्ता तो जन्म से मिलता है

पर दिलों के रिश्ते तो हम बनाते हैं।


ये दिलों के रिश्ते दिल से जुड़े होते हैं

आत्मा की डोर से बँधे होते हैं

कभी-कभी खून से बने रिश्तों पर भी भारी पड़ते हैं।


जिन्दगी के इस लम्बे सफ़र में न जाने कब

कौन-सा रिश्ता टूट जाये

पर दर्द किस रिश्ते के टूटने पर ज्यादा होता है

ये क्या कोई जान सका है।


कोई दिल का रिश्ता टूटे तो गम ज्यादा होता है

उस रिश्ते के टूटने पर क्या गम

जो कभी दिल के करीब ही न था।


कभी-कभी रिश्ते को बचाने रखने की

सारी कोशिशें नाकाम हो जाती है

जब उसे बचाने की कोशिशें एकतरफा हो

जाती है


उस रिश्ते का टूट जाना ही

उसका भाग्य बन जाता है।

ये रिश्ते भी कितने अजीब होते हैं

कुछ दिल से दूर तो कुछ दिल के करीब होते हैं

कुछ दिलों के तो कुछ खून के होते हैं।


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