वो बचपन के दिन !
वो बचपन के दिन !
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वो बचपन के दिन
भी क्या दिन थे
थी न फिक्र किसी
चीज की।
न थी कोई चिंता
थे हम बेखबर
हर ग़म से
जानते न थे
क्या होती है जिम्मेदारी।
न था सरोकार
दुनियादारी से
न थी पहचान
परेशानी से
सोचते थे कब होंगे बड़े हम।
आज बड़े हुए तो जाना
थे वो जीवन के
अनमोल दिन
काश फिर से
लौट आते
वो बचपन के दिन !