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Rooh Lost_Soul

Romance

3  

Rooh Lost_Soul

Romance

चाँद का फूल

चाँद का फूल

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वो बंद नजरें किए, आगोश मे थे हमारे कभी

बेफिक्रिया सी थी सजी चेहरे पर बदस्तूर उनके।

थम जाती थी सांसे भी देख कर वो मासूम सा उसका नूर

हौले से छूते थे गालो को वो मेरे

और ढलक आता था माथे पर पसीना मेरे।


अनकहे इश्क़ की डोर से तब बँधे कुछ इस कदर हम थे,

जान कर भी अंजाम, बन अंजान हम दोनों रहे थे।

जानता था ये दिल इस सच को बरसों से

कि कल वो किसी और के तो हम किसी और के होंगे।


मुद्दतों बाद थी मिली निगाहें उनसे

ना तब कह पाए थे ना अब कुछ कह पाए, बस

थम गई थी सांसें कुछ पल को मेरी ये देखकर कि

वो चाँद का फूल मेरे चाँद के बालो मे आज भी है।


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