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Asha Pandey

Drama

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Asha Pandey

Drama

चाबी

चाबी

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तब होता था

हमारे घर में एक ही बक्सा

एक ही ताला

एक ही चाबी

घर से कहीं जाने पर सबके

निकाल लिया जाता था बक्से से ताला

बंद कर दिया जाता था

घर के किवाड़ में !


हम आश्वस्त रहते थे

घर की सुरक्षा के प्रति

एक ही ताले में थी वह शक्ति

कि गायब नहीं होता था कुछ भी !


अब हैं हमारे घर में कई बक्से

कई आलमारियां

कई किवाड़ कई-कई ताले

और चाबियाँ भी हैं

हमारे पास कई-कई !


हम चटकाते हैं सब बक्सों

और सब कमरों में ताले

चाबियाँ रखते हैं संभाल के

पर न जाने कैसे

सेंध पड़ गई है हमारे घर में

लूट लिया गया है प्रेम

जो मुख्य दौलत थी हमारे घर की !


अब प्रेम के लुट जाने के बाद

बचा ही क्या है हमारे घर में

जो चाबियों को

रखा जाये संभाल कर...!






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