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Ankita kulshrestha

Romance

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Ankita kulshrestha

Romance

चाबी दिल के बक्स की

चाबी दिल के बक्स की

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नहीं, छोड़ो भी, रहने दो, न ढूंढो बक्स की चाबी

मेरे जज़्बात की, हालात के ठहराव की चाबी।


मेरे सब ख्वाब और अरमान इसमें बंद ही अच्छे

मोहब्बत के वफ़ा के थे भ्रम सब बंद ही अच्छे।


नुमाया करके भी हासिल नहीं होती मोहब्बत जब

नुमाइश क्यों करें दिल के दरीचे बंद ही अच्छे।


रखी संभालकर अब लापता है बक्स की चाबी

चलो अच्छा हुआ जो गुम गई इस बक्स की चाबी।


सुनो, जो बक्स है दिल का अज़ाबों का समुंदर है

समंदर है मगर फिर भी अजब सी प्यास अंदर है।


पशेमानी फ़कत हासिल, परेशानी की इक शै बस

कि टूटे, मिट चुके, कतरा ए ख्वाबों का यही दर है।


नहीं देंगे किसी को फिर कभी इस बक्स की चाबी

तभी तो मैंने खो दी है मेरे इस बक्स की चाबी।


तुम्हारी जिद़ तुम्हारी हरकतों से ऐसा लगता है

मोहब्बत के मदरसे में नए हो ऐसा लगता है।


बबंडर का तजुर्बा तो दरख़्तों को ही हासिल है

नई सी दूब जोशीली उगे हो ऐसा लगता है।


सुनो, देना नहीं सैय्याद को तुम बक्स की चाबी

अगरचे इश्क़ भी करना, छिपाकर बक्स की चाबी।


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