मेरी प्यारी भारत माता
मेरी प्यारी भारत माता
मेरी प्यारी भारत माता..
मैं भी तो हूँ बालक तेरा..
तेरे कण कण से है निर्मित
ये तन-मन और जीवन मेरा।।
रंक हूँ मैं पर दिल से सच्चा
मेरी किस्मत का घट कच्चा
मुझ को भी सम्मान दिला कर
जीवन की सत राह सुझा कर
लगवा दो ख़ुशियों का फेरा ।।
मैं भी तो हूँ बालक तेरा।।
कभी बीनता कूड़ा - करकट
कभी बेचता शान तिरंगा
और कभी माँ, मैं सो जाता
खुली धूप में भूखा नंगा
कभी पीटते हैं जन मुझ को
समझ के कोई कुटिल लुटेरा।।
मैं भी तो हूँ बालक तेरा।।
विद्या धन से हूँ वंचित मैं
बेवजह ही शोषित हूँ मैं
हैं अधिकार बराबर मेरे
कांटो सा क्यों चुभता तेरे
थक जाता जब मैं हूँ करता
पथ पर ही तब रैन बसेरा
मैं भी तो हूँ बालक तेरा।।