बुढ़ापा
बुढ़ापा
जीवन के इस मोड़ पर खड़ा हुआ हूँ
चलता हूँ तो लगता है थका हुआ हूँ
बुहत धन कमाया था मैंने जीवन में
आज इस धन ने ही पराया बनाया है
जीवन के इस मोड़ पर कोइ काम ना आया है।
जिस के लिये किया था सब कुछ
आज उसने ही आँख दिखाया है
जिस को दिया घर अपना
उसने हमें बेघर बनाया है
जीवन के इस मोड़ पर कोइ काम ना आया है।
