बुद्ध पूर्णिमा
बुद्ध पूर्णिमा
बुद्ध पूर्णिमा का दिन न्यारा
शुद्धोधन महामाया के घर आया एक सितारा !
क्षत्रिय कुल में जन्म था पाया
लेकिन हिंसा कर्म न था उसे सुहाता!
वह तो लाचार और वृद्ध को देख
मन ही मन दुखित हो जाता !
भारत देश ही नहीं अन्य देशों में भी है
पवित्र दिवस यह धूमधाम से मनाया जाता !
बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान उसने था पाया
बुद्धत्व भी वैशाखी पूर्णिमा को ही था पाया !
विश्व भर से लोग बोधगया को आते हैं
बौद्ध धर्म के लोग घरों को खूब सजाते हैं !
बोधि वृक्ष भी इस दिन पूजित होता
जड़ों में दीप जला फूल माला चढ़ाते हैं!
दीप जलाकर करते प्रार्थना
धर्म ग्रंथों का पाठ भी किया है जाता !
सत्य मार्ग पर चलना बुद्ध ने सिखलाया
शांत मन से ही हल निकलता यह बतलाया!
घृणा को घृणा से नहीं
प्रेम से ही मारा जाता!
भविष्य की चिंता न करो
भूत की न खोज करो!
वर्तमान को जियो
और खुद को पहचानो!
