बसंत
बसंत
माघ
शुक्ल पंचमी
होता सुंदर आगमन
बसंत, जो
ऋतुराज!
प्रफुल्लित
जीवन करता,
सर्दी दूर भगाता
चहुं ओर हरियाली
फैलाता।
सरसों
पीला फूले,
जग को बासंती
अनुभव कराता,
हर्षाता!
कोयल
मीठी कूके
तान, आमों पर
बौर नज़र
आता
फलों
और फूलों
सहित ऋतुराज सबको
मनभावन नजर
आता।
मौसम
बहारों का
रंगों का त्योहार,
लेकर जीवन
आता!
मादकता
बिखेरती प्रकृति
बेशुमार, देता बसंत
जीवन उपहार
मानव!