बसंत
बसंत
देखो बसंत आ गया !
सबके मन को भा गया !
चारों ओर फूल खिले हैं,
पीले-पीले सरसों के !
भ्रमर फूलों पर मंडराते ऐसे,
जैसे प्रेमी मिले हो बरसों के !
नभ मे उड़ती कोयल,
कू कू करती मतवाली !
फूलों से भर गई उपवन की,
क्यारी क्यारी डाली डाली !
बसंती बसंती मौसम,
अब तो हो गया !
लगता है मानो अब तो,
सर्दी का अंत हो गया !
हल्की हल्की सी,
फुहार भी पड़ने लगी !
अब तो मंद मंद ,
बयार भी चलने लगी !
देखो बसंत आ गया
सबके मन को भा गया !