बस यही याद है मुझे ।
बस यही याद है मुझे ।
लोग कविता समझते है
मै अपना हाल लिखता हूँ
लोग पागल समझते है
मै अपने जज्बात लिखता हूँ
फर्क नही पडता मुझे
लोगो के कुछ कहने से
मैने लोगो से ही सुना है
लोग तो कहते ही रहते है
सीख लिया है लिखना मैने
कभी हाल तो कभी ख्याल लिखता हूँ
लोग दीवाना समझते है
मै अपने मन के विचार लिखता हूँ ।
हाल ही कुछ ऐसा है मेरा
मतलब के रिश्ते छोडे है मैने
नही याद अब कुछ भी मुझे
लेखक हूँ बस यही याद है मुझे।
लोग पागल समझे या दीवाना
मेरा हाल किसी ने ना जाना
मै रहता हूँ आजकल गुमसुम
बजह तक ना पूछी किसी ने।
लिखता रहता हूँ दर्द अपने दिल का
लोग मजाक बना रहे है मेरे दर्द का
मेरा वक्त नहीं है अभी
यही सोचकर दर्द
हल्का कर लेता हूँ अपने दिल का।