Jitendra Meena
Inspirational
बड़ा सरल हो गया
"अपनों" और "पराये"
को समझना
खाली जेब हो तो
"अपने" साथ आते है
भरी जेब में " पराये "
हम किसान है
कौन है ?
एक पत्रकार
बिक चुका तंत्...
भलाई की खोज
पागल
अपना और पराया
वक्त की अहमिय...
फौजी ( बच्चे ...
अकेला हूँ
अब तुम से मिलकर पूरा हुआ मेरा जीवन और मेरा अधूरा सा मन। अब तुम से मिलकर पूरा हुआ मेरा जीवन और मेरा अधूरा सा मन।
फसल हो या नस्ल विकसित वैसे ही होंगे, जैसी उत्तम गुणवत्ता के हम बीज बोयेंगे। फसल हो या नस्ल विकसित वैसे ही होंगे, जैसी उत्तम गुणवत्ता के हम बीज बोयेंगे।
यह स्वयं तय करना है शिखर पर पहुंचने के लिए इस जीवन की आपधापी। यह स्वयं तय करना है शिखर पर पहुंचने के लिए इस जीवन की आपधापी।
गुलाब से सीखो जिंदगी जीना कांटों में भी रह कर मुस्कुराते रहना। गुलाब से सीखो जिंदगी जीना कांटों में भी रह कर मुस्कुराते रहना।
रात के अंधेरे मे इस सुनसान जंगल में नहीं लगता उतना डर। रात के अंधेरे मे इस सुनसान जंगल में नहीं लगता उतना डर।
मेरी लिखावट में मेरे लिखे हर शब्दों में, मेरी चुप्पी में मेरे हर वजूद में वो जिंदा है। मेरी लिखावट में मेरे लिखे हर शब्दों में, मेरी चुप्पी में मेरे हर वजूद में वो ...
बच्चे तो होते हैं जैसे फूलों की कोमल पत्तियाँ न करो इन पर ज़ुल्म और न ही करो सख्तियाँ बच्चे तो होते हैं जैसे फूलों की कोमल पत्तियाँ न करो इन पर ज़ुल्म और न ही करो ...
आर्योँ की इस धरती पर, अब आए ना कोई दुशमन ! आर्योँ की इस धरती पर, अब आए ना कोई दुशमन !
प्रेम पर अपने सदा समुचित हो विश्वास, पर ना हो किसी पर कभी अंधविश्वास ! प्रेम पर अपने सदा समुचित हो विश्वास, पर ना हो किसी पर कभी अंधविश्वास !
अब्बास द ग्रेट के नाम से इतिहास में आमतौर पर जाना जाता है शाह अब्बास। अब्बास द ग्रेट के नाम से इतिहास में आमतौर पर जाना जाता है शाह अब्बास।
यह सच है, सच्चे प्यार की, मंज़िल नहीं होती कोई भी। यह सच है, सच्चे प्यार की, मंज़िल नहीं होती कोई भी।
माता कैकयी के वचन और पिता का मान रखने, कर लिया वनवास उन्होंने स्वीकार था, माता कैकयी के वचन और पिता का मान रखने, कर लिया वनवास उन्होंने स्वीकार था,
प्रकृति के नजदीक रहकर, मन भी तो है निखरा निखरा प्रकृति के नजदीक रहकर, मन भी तो है निखरा निखरा
ले संकल्प राष्ट्रहित का संस्कृत के पालन पोषण का। ले संकल्प राष्ट्रहित का संस्कृत के पालन पोषण का।
सबका अपना अपना लक्ष्य होता है, कौन है जो साहिल का तरफदार नहीं होता। सबका अपना अपना लक्ष्य होता है, कौन है जो साहिल का तरफदार नहीं होता।
जीवंत यह चित्र है , खेल और अवकाश का विशद जिसमें चित्रण है सर्दी का यह परिदृश्य है। जीवंत यह चित्र है , खेल और अवकाश का विशद जिसमें चित्रण है सर्दी का यह ...
स्वाधीन कलम जब चलती है सच को सच झूठ को झूठ लिखती है। स्वाधीन कलम जब चलती है सच को सच झूठ को झूठ लिखती है।
एक ढोलक वादक का, परिवार बहुत मनोरंजक दार था। एक ढोलक वादक का, परिवार बहुत मनोरंजक दार था।
कभी श्वेत सत्य के रौद्र रूप को समक्ष लाऊं। कभी श्वेत सत्य के रौद्र रूप को समक्ष लाऊं।
बुजुर्गों के साए में रहकर हम बड़े हुए बुजुर्गों ने यह संसार हमें दिखाया है। बुजुर्गों के साए में रहकर हम बड़े हुए बुजुर्गों ने यह संसार हमें दिखाया है...