Jitendra Meena
Inspirational
बड़ा सरल हो गया
"अपनों" और "पराये"
को समझना
खाली जेब हो तो
"अपने" साथ आते है
भरी जेब में " पराये "
हम किसान है
कौन है ?
एक पत्रकार
बिक चुका तंत्...
भलाई की खोज
पागल
अपना और पराया
वक्त की अहमिय...
फौजी ( बच्चे ...
अकेला हूँ
कलम के रस धार से बह कर, रिमझिम पन्ने भरते हैं। कलम के रस धार से बह कर, रिमझिम पन्ने भरते हैं।
चिड़िया तिनका तिनका चुन चुकर लाती लाख कोशिश करके अपना घोंसला बनाती। चिड़िया तिनका तिनका चुन चुकर लाती लाख कोशिश करके अपना घोंसला बनाती।
निर्धन कुल में जन्म मिला था, बाधा सभी मिटानी थी। निर्धन कुल में जन्म मिला था, बाधा सभी मिटानी थी।
वक्त सभी का आता है यहाँ जीना यहाँ मरना यहाँ इसके सिवाय जाना कहाँ ! वक्त सभी का आता है यहाँ जीना यहाँ मरना यहाँ इसके सिवाय जाना कहाँ !
ख्वाहिशों का ले के दम, चल पड़े हैं ये कदम, है कसम हमें कि अब ख्वाहिशों को पाना है। ख्वाहिशों का ले के दम, चल पड़े हैं ये कदम, है कसम हमें कि अब ख्वाहिशों को पान...
इंसान होना काफी नहीं इस जहां में, इंसानियत का अलख दिल में जलाकर चल, इंसान होना काफी नहीं इस जहां में, इंसानियत का अलख दिल में जलाकर चल,
माना दुष्ट हजार जग, पर तू बन जा हीरो, गर्दन पर फिर वार कर,बन जाए वो जीरो। माना दुष्ट हजार जग, पर तू बन जा हीरो, गर्दन पर फिर वार कर,बन जाए वो जीरो।
वंदन है माँ भारतीय तुमको अब तुमसे है मेरा सम्मान वंदन है माँ भारतीय तुमको। वंदन है माँ भारतीय तुमको अब तुमसे है मेरा सम्मान वंदन है माँ भारतीय तुमको...
हममे आपसे, आपमे हमसे मिलकर साथ हमारा मिलकर साथ आपका हममे आपसे, आपमे हमसे मिलकर साथ हमारा मिलकर साथ आपका
कोई लाख रूठे तुझसे चाहे उससे मत रूठ जाना तुम! कोई लाख रूठे तुझसे चाहे उससे मत रूठ जाना तुम!
जीतोगे तुम ही हारी बारी भी ज़रा सा गिरकर फिर ज़िंदगी में संभालना सीखो .....!! जीतोगे तुम ही हारी बारी भी ज़रा सा गिरकर फिर ज़िंदगी में संभालना सीखो .......
जिसने कभी भी हार ना मानी ऐसे हैं हम सबके हलधर नाग जिसने कभी भी हार ना मानी ऐसे हैं हम सबके हलधर नाग
शायद मौत का फ़रमान आया फ़िज़ूल उसूल का। शायद मौत का फ़रमान आया फ़िज़ूल उसूल का।
जिसे कहते थे अब तक वो देखो पहाड़ है, उस पहाड़ का आज भगवान बनाया। जिसे कहते थे अब तक वो देखो पहाड़ है, उस पहाड़ का आज भगवान बनाया।
दमके माँ की हरी घघरिया, गोटे जड़ी चुनरिया रे।५ दमके माँ की हरी घघरिया, गोटे जड़ी चुनरिया रे।५
प्रेम एक तपस्या है...जो कि बड़ी क़िस्मत से पूरी होती है। प्रेम एक तपस्या है...जो कि बड़ी क़िस्मत से पूरी होती है।
मुझे उस किनारे जाना है जहां समझते नहीं प्यार के अर्थ। मुझे उस किनारे जाना है जहां समझते नहीं प्यार के अर्थ।
तू चल निरंतर अपने पथ पर बाधाओं से तनिक न डर। तू चल निरंतर अपने पथ पर बाधाओं से तनिक न डर।
जो आप बनना चाहते थे मां-बाप के हस्तक्षेप से नहीं बन पाए। जो आप बनना चाहते थे मां-बाप के हस्तक्षेप से नहीं बन पाए।
मेरे अंगने में , दो फूल खिले एक बेटा, एक बेटी ! मेरे अंगने में , दो फूल खिले एक बेटा, एक बेटी !