हर दौर में हम जैसे दिवाने नहीं आते! नादान हवाओं के फ़साने नहीं आते!! हर दौर में हम जैसे दिवाने नहीं आते! नादान हवाओं के फ़साने नहीं आते!!
खाली जेब हो तो "अपने" साथ आते है खाली जेब हो तो "अपने" साथ आते है
हरे भरे खेत और गाँव के मिट्टी को जैसे चूम कर आया हूँ। हरे भरे खेत और गाँव के मिट्टी को जैसे चूम कर आया हूँ।
जब भी दर्द ने आह भरी हम झट से मुस्कुरा दिये, जब भी दर्द ने आह भरी हम झट से मुस्कुरा दिये,
पुलकित वसुंधरा करती नृत्य फसल जब देते मगन हो तान कृतज्ञय हैं हमसब.. हे अन्नदाता..! पुलकित वसुंधरा करती नृत्य फसल जब देते मगन हो तान कृतज्ञय हैं हमसब.. हे अन्...
पेड़ हँसकर बोला ये मेरा फ़र्ज़ है तुमको सब देना पेड़ हँसकर बोला ये मेरा फ़र्ज़ है तुमको सब देना